Raksha Bandhan Kab Hai 2023 mein | रक्षा बंधन का निबंध | रक्षा बंधन कब से और क्यों मनाया जाता हैं | रक्षा बंधन कैसे मनाये | Raksha Bandhan History in Hindi | Raksha Bandhan Meaning in Hindi | Raksha Bandhan kab manaya jata hai
आज आप इस लेख के माध्यम से
रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त एवं पंचांग कब हैं, राखी कैसे बांधते हैं, Rakhi Meaning in Hindi, Raksha Bandhan Essay in
Hindi, How to celebrate Raksha Bandhan in Hindi, Story on Raksha Bandhan in
Hindi, Raksha Bandhan 2023 Date and Time के बारे में विस्तारपूर्वक
जानकारी प्राप्त करेंगे.
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रक्षा बंधन 2023 हिंदी में - Raksha Bandhan in Hindi 2023
रक्षा बंधन पर्व 2023
(Raksha Bandhan 2023 in Hindi) का नाम सुनते ही भाई बहनों के चेहरे ख़ुशी से खिल जाते हैं. भाई बहन का रिश्ता ऐसा होता हैं जिसे शब्दों में बयां करना नामुमकिन हैं.
भाई बहन का रिश्ता बहुत ही अधिक पवित्र होता हैं इसलिए सम्पूर्ण विश्व में इस रिश्ते का बहुत ज्यादा सम्मान किया जाता हैं. ऐसे में भारत देश कैसे पीछे रह सकता हैं. रक्षा बंधन 2023 (Raksha Bandhan 2023 Hindi) भारत में मनाया
जाने वाला एक प्रमुख त्योहार हैं. रक्षा बंधन पर्व पूरे देश में
बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं.
भारत देश को संस्कृतियों की जन्मभूमि भी कहा जाता हैं. भारत में रक्षा बंधन पर्व (Raksha Bandhan Festival in Hindi) एक त्योहार के रूप में मनाते हैं. रक्षा बंधन पर्व हिन्दू धर्म का बहुत ही विशेष पर्व हैं.
रक्षा बंधन का त्योहार सिर्फ भारत में ही नहीं नेपाल सहित ऐसे अन्य देश जहाँ हिन्दू धर्म के लोग निवास करते हैं वहां भी बहुत ही हर्षोल्लास
के साथ मनाया जाता हैं.
वर्ष
2023 में
रक्षाबंधन कितने तारीख को है और रक्षाबंधन
क्यों मनाते हैं एवं रक्षाबंधन की कहानी क्या है के बारें में इस लेख
के द्वारा विस्तार से जानते हैं.
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रक्षा बंधन क्या है - What
is Raksha Bandhan in Hindi
रक्षा
बंधन दो शब्दों के मेल रक्षा एवं बंधन शब्द से मिलकर बना हुआ हैं. संस्कृत में
रक्षा बंधन का अर्थ हैं वह बंधन जो रक्षा प्रदान करता हैं.
रक्षा
बंधन भाई बहन के रिश्ते को प्रदर्शित करता हैं. रक्षा बंधन भाई बहन के पवित्र,
निर्मल रिश्ते को प्रदर्शित करता हैं. रक्षा बंधन त्योहार आनंद एवं ख़ुशी प्रदान
करने वाला त्योहार हैं.
रक्षा
बंधन पर्व में बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र अथवा
राखी (Rakhi in Hindi) बांधती हैं और वही भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन
देता हैं.
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रक्षा
बंधन का अर्थ क्या हैं - What is the meaning of Raksha Bandhan in
Hindi
रक्षा
बंधन दो शब्दों के मेल रक्षा एवं बंधन शब्द से मिलकर बना हुआ हैं. रक्षा शब्द का
अर्थ हैं रक्षा करना और बंधन शब्द का अर्थ हैं बाँधना, इस प्रकार से संस्कृत में
रक्षा बंधन का अर्थ हैं वह बंधन जो रक्षा प्रदान करता हैं.
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रक्षा
बंधन कब मनाया जाता हैं - When is Raksha Bandhan celebrated in Hindi
रक्षा बंधन का त्यौहार (Raksha Bandhan 2023 Festival in Hindi) प्रत्येक
वर्ष हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता हैं. जो कि
अंग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार अगस्त माह में पड़ता हैं.
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वर्ष 2023 में रक्षा बंधन कब हैं - When is Raksha Bandhan in the year 2023 in Hindi
रक्षा बंधन का त्योहार श्रावण मास की शुक्ल पक्ष
की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता हैं. इस वर्ष श्रावण मास की शुक्ल पक्ष
की पूर्णिमा तिथि दिनांक 30 अगस्त दिन बुधवार को
प्रातः 10:58 बजे प्रारम्भ
होकर अगले दिन दिनांक 31 अगस्त दिन
गुरूवार को प्रातः 07:05 बजे समाप्त
हो जाएगी, गुरूवार को भद्रा होने के कारण रक्षा बंधन पर्व 2023 तिथि (Raksha Bandhan Date 2023) दिनांक 31 अगस्त दिन
गुरूवार को हैं.
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देखभाल करने के आसान उपाय
वर्ष
2023 में राखी
बाँधने का शुभ मुहूर्त कब है - Raksha Bandhan 2023 Muhurat Time in Hindi
अब
हम आपको इस वर्ष राखी बांधने का शुभ मुहूर्त कितने बजे का है के बारें में
बताएँगे.
वर्ष
2023 में श्रावण मास की शुक्ल पक्ष
की पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त दिन बुधवार को
प्रातः 10:58 बजे से
प्रारम्भ होकर अगले दिवस दिनांक 31 अगस्त दिन गुरूवार
को प्रातः 07:05 बजे तक
रहेगी.
इस
वर्ष रक्षा बंधन के दिन 30 अगस्त को प्रातः
10:58 बजे से सायं
09:01 बजे तक भद्रा काल
रहेगा इसलिए इस साल राखी बाँधने का शुभ मुहूर्त दिनांक 30 अगस्त की सायं 09:01 बजे से दिनांक 31 अगस्त की
प्रातः 07:05 बजे तक
रहेगा.
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भद्रा
में राखी क्यों नहीं बांधते हैं - Why not tie Rakhi in Bhadra
भद्रा
काल में क्यों नहीं राखी बांधना चाहिये के पीछे एक पौराणिक कथा के अनुसार, लंका के
राजा रावण की बहन शूर्पनखा ने भद्रा काल में रावण को राखी बाँधा था जिसकी वजह से
रावण का सर्वनाश हो गया था.
मान्यता
अनुसार भद्राकाल को अशुभ माना जाता हैं, भद्रा के समय किया गया कोई भी
कार्य सफल नहीं होता हैं इसलिए इस समय शुभ कार्यों को करने से परहेज किया जाता
हैं.
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राखी
किसे कहते हैं - Who is called Rakhi in Hindi
रक्षा बंधन का त्योहार भाई बहन को स्नेह के धागे से बांधने का काम करता हैं. रक्षा बंधन भाई बहन के पवित्र, निर्मल रिश्ते को प्रदर्शित करता हैं. रक्षा बंधन के दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं जिसे राखी कहा जाता हैं.
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रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है - Why is Raksha Bandhan celebrated in Hindi
आप
सभी के मन में यह प्रश्न जरूर आ रहा होगा कि हम लोग रक्षा बंधन क्यों मनाते हैं?
रक्षा
बंधन भाई बहन के रिश्ते को प्रदर्शित करता हैं. रक्षा बंधन भाई बहन के पवित्र,
निर्मल रिश्ते को प्रदर्शित करता हैं. रक्षा बंधन त्योहार आनंद एवं ख़ुशी प्रदान
करने वाला त्योहार हैं.
रक्षा
बंधन पर्व में बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र अथवा राखी (Rakhi in Hindi) बांधती
हैं और वही भाई अपनी बहन की रक्षा एवं अपने कर्तव्यों को निभाने का वचन देता हैं.
वही
कोई भी अन्य स्त्री पुरुष भी जो कि भाई बहन के रिश्तों की मर्यादायों को समझते हैं
रक्षा बंधन का त्योहार मना सकते हैं.
रक्षा
बंधन पर्व पर बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र अथवा राखी बांधती हैं और ईश्वर
से प्रार्थना करती हैं कि उसका भाई जीवन भर हंसी ख़ुशी एवं स्वस्थ रहे और वही भाई
अपनी बहन की रक्षा, अपने कर्तव्यों को निभाने एवं हमेशा बहन का साथ देने का वचन देता हैं. भाई भी ईश्वर से प्रार्थना करता
हैं कि उसकी बहन जीवनभर हंसी ख़ुशी, स्वस्थ रहे एवं दीर्घायु हो.
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रक्षा
बंधन पर कहानी क्या हैं - Raksha Bandhan Story in Hindi
रक्षा बंधन पर्व मनाने के पीछे कई प्रचलित कहानियां (Raksha
Bandhan ki Kahani in Hindi) हैं. रक्षा बंधन कब
से और क्यों मनाया जाता हैं से सम्बन्धी
कुछ प्रमुख पौराणिक कथाएं निम्नलिखित हैं.
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1 - इन्द्रदेव की पत्नी सची और भगवान् विष्णु की रक्षा बंधन की कहानी - Raksha Bandhan Story in Hindi
एक बार देवताओं के ऊपर असुरों के राजा बलि ने आक्रमण कर दिया. इस युद्ध में देवराज इंद्र को बहुत हानि पहुंची थी. देवराज इंद्र की स्थिति को देखकर उनकी धर्मपत्नी सची भगवान् विष्णु के पास गई और उनसे मदद की गुहार लगाई.
भगवान् विष्णु ने एक धागा देवी सची को दिया और कहा कि यह धागा ले जाकर देवराज इंद्र की कलाई में बाँध दो. देवी सची ने भगवान् विष्णु द्वारा दिए गए धागे को ले जाकर देवराज इंद्र की कलाई में बाँध दिया. जिसके कारण असुरों के राजा बलि की हार हुई.
इसी कारण प्राचीन समय में जब भी कोई राजा युद्ध पर जाता था तो राजा एवं उनके सैनिकों की कलाई पर उनकी पत्नी एवं बहनें रक्षा सूत्र
अथवा राखी बाँध देती थी
जिससे वह सब विजयी होकर कुशलतापूर्वक वापस घर आ सकें.
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2 - माता लक्ष्मी एवं राजा बलि की रक्षा बंधन की कहानी - Raksha Bandhan Ki Kahaniyan in Hindi
असुरों के राजा बलि भगवान् विष्णु का अनन्य भक्त था. असुरराज बलि की भक्ति से प्रभावित होकर भगवान् विष्णु स्वयं उसके राज्य की सुरक्षा करते थे.
इस स्थिति में भगवान् विष्णु अपने धाम बैकुंठ में अनुपस्थित रहने लगे जिसके कारण देवी लक्ष्मी बहुत परेशान रहने लगी. इसे लिए देवी लक्ष्मी ने एक युक्ति निकली और ब्राह्मण स्त्री का वेश धारण करके असुरराज बलि के राजमहल में निवास करने लगी.
कुछ समय के उपरान्त माता लक्ष्मी ने असुरराज बलि की कलाई पर रक्षा सूत्र
अथवा राखी बाँध दिया एवं असुरराज बलि द्वारा कुछ देने का वचन ले लिया.
माता लक्ष्मी ने असुरराज बलि से भगवान् विष्णु को उनके साथ वापस बैकुंठ धाम लौटने के लिए कहा. असुरराज बलि ने माता लक्ष्मी को वचन दिया था इसलिए भगवान् विष्णु को उनके साथ वापस बैकुंठ धाम लौटना पड़ा.
इस कारण रक्षा बंधन को कई जगह बलेव्हा भी कहते हैं.
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3 - भगवान् श्री कृष्ण एवं द्रौपदी की रक्षा बंधन की कहानी - Raksha Bandhan Short Story in Hindi
मानवता
की सुरक्षा के लिए भगवान् श्री कृष्ण ने पापी राजा शिशुपाल का वध किया था. इस युद्ध में भगवान् श्री कृष्ण के अंगूठे में चोट लग गई थी.
यह देखकर द्रौपदी ने अपने वस्त्र से कपडे का टुकड़ा फाड़ कर भगवान् श्री कृष्ण के अंगूठे में बाँध दिया. द्रौपदी द्वारा किये गए इस कार्य से भगवान् श्री कृष्ण बहुत प्रसन्न हुए और द्रौपदी की रक्षा का वचन दिया.
कुछ समय के पश्चात पांडवो द्वारा जुए के खेल में द्रौपदी की हार हुई. तब कौरवों के राजकुमार दुःशासन बीच सभा में द्रौपदी का चीर हरण करने लगा तब भगवान् श्री कृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा करके उसकी लाज को बचाया था.
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4 - महाभारत में रक्षा सूत्र अथवा राखी की कहानी - Rakhi Story in Hindi
महाभारत युद्ध शुरू होने के पूर्व भगवान् श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर से कहा कि यदि महाभारत के युद्ध में स्वयं की एवं सैनिकों की सुरक्षा करनी हैं तो सभी को रक्षा सूत्र
अथवा राखी का प्रयोग करना होगा.
ऐसे
में द्रौपदी ने भगवान् श्री कृष्ण की कलाई एवं माता कुंती ने अपने नाती और अपने पुत्रों की कलाई पर रक्षा सूत्र
अथवा राखी बाँधा था.
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5 - भगवान्
गणेश एवं माता संतोषी की रक्षा बंधन की कहानी - Raksha Bandhan Mythological Short Story in
Hindi
भगवान्
गणेश के पुत्र शुभ एवं लाभ को यह दुःख था कि उनकी कोई बहन नहीं हैं. शुभ लाभ अपने
पिता भगवान् गणेश से एक बहन के लिए जिद करने लगे.
ऐसी
विकट स्थिति को देखते हुए देवर्षि नारद जी ने भगवान् गणेश जी से प्रार्थना की. तब
भगवान् गणेश जी ने अपनी शक्ति से एक कन्या को उत्पन्न किया जिसका नाम संतोषी रखा
गया.
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6 - मृत्यु के देवता यम एवं यमुना जी की रक्षा बंधन की कहानी - Raksha
Bandhan ki Kahani in Hindi
प्राचीन
कथा के अनुसार लगभग 12 वर्षों तक
मृत्यु के देवता यम अपनी बहन यमुना जी से मिलने नहीं गए थे. इस कारण यमुना जी बहुत दुखी रहने लगी ही.
ऐसे में माता गंगा जी के कहने पर मृत्यु के देवता यम जी अपनी बहन यमुना जी से मिलने गए. अपने भाई मृत्यु के देवता यम जी को देखकर यमुना जी अत्यधिक प्रसन्न हुई और उनकी खूब सेवा सत्कार किया.
जिससे यमदेव बहुत प्रसन्न हुए और अपनी बहन यमुना जी से कुछ मांगने के लिए कहा. यमुना जी ने यमदेव से कहा कि मुझे आपसे बारम्बार मिलना हैं.
यमदेव ने उनकी इस इच्छा को पूरा किया,जिसके कारण यमुना जी को अमरता प्राप्त हुई.
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रक्षा बंधन का इतिहास क्या हैं - What is the history of Raksha Bandhan in
Hindi
सभी पर्वों की तरह रक्षा बंधन पर्व का भी इतिहास (Raksha
Bandhan ka Itihas in Hindi) हैं. रक्षा बंधन पर्वभारत में मनाया
जाने वाला एक प्रमुख त्योहार हैं. रक्षा बंधन पूरे देश में
बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं.
भारत में रक्षा बंधन पर्व एक त्योहार के रूप में मनाते हैं. रक्षा बंधन पर्व हिन्दू धर्म का बहुत ही विशेष पर्व हैं.
रक्षा
बंधन त्यौहार के इतिहास से सम्बन्धी कुछ प्रमुख कथाएं निम्नलिखित हैं.
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1 - सम्राट अलेक्जेंडर एवं सम्राट पुरु की रक्षा बंधन की कहानी - Raksha Bandhan Story in Hindi
सम्राट अलेक्जेंडर एवं सम्राट पुरु की रक्षा बंधन की कहानी (Short Story on Raksha Bandhan in Hindi) सन 300 BC की हैं. उस समय भारत विजय के
लिए सम्राट अलेक्जेंडर अपनी सेना लेकर आया था. उसी समय सम्राट पुरु का भारत में
बोलबाला था.
सम्राट अलेक्जेंडर एक वीर, साहसी राजा था लेकिन सम्राट पुरु ने उसे नाकों चने चबवा दिए थे. सम्राट अलेक्जेंडर की धर्मपत्नी को रक्षा बंधन
के बारे में जानकारी प्राप्त हुई तो उसने सम्राट पुरु को रक्षा सूत्र
अथवा राखी भेजवाया.
सम्राट पुरु ने भी सम्राट अलेक्जेंडर की धर्मपत्नी को बहन मानते हुए युद्धविराम की घोषणा कर दी.
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2 - रानी कर्णावती एवं सम्राट हुमायूँ की रक्षा बंधन की कहानी - Raksha Bandhan Short Story in Hindi
रानी कर्णावती चितौड़ की शासक थी. रानी कर्णावती के विधवा एवं अकेले होने के कारण गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह ने चितौड़ पर आक्रमण कर दिया था.
रानी कर्णावती चितौड़ को बचा पाने में अपने को असमर्थ महसूस कर रही थी. उस वक़्त रक्षा बंधन त्योहार का प्रचलन था. रानी कर्णावती ने मुग़ल शासक हुमांयू को एक रक्षा सूत्र
अथवा राखी भेजवाया और चितौड़ की रक्षा के लिए मदद की मांग की.
मुग़ल शासक हुमांयू ने रक्षा सूत्र
अथवा राखी को स्वीकार करते हुए बहन रानी कर्णावती की मदद के लिए अपनी सेना को चितौड़ भेजा. जिसके कारण गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह ने चितौड़ से अपने पाँव वापस खींच लिए.
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रक्षा बंधन कैसे मनाया जाता है - How Raksha Bandhan is celebrated in Hindi
यहाँ
हम रक्षा बंधन का
त्यौहार कैसे मनाते है (How is Raksha Bandhan celebrated in Hindi) के बारे में विस्तारपूर्वक जानेंगे.
रक्षा
बंधन के दिन मन एवं शरीर को पवित्र करने के लिए प्रातः काल स्नान कर लेना चाहिये.
अब
इसके बाद भगवान् की पूजा अर्चना करना चाहिये.
इसके
बाद आप राखी की थाल को सजाइए. रक्षा बंधन पर्व के दिन राखी की थाल के लिए आप एक
पीतल की थाल लीजिये.
इस
थाल में राखी, चंदन, दीपक, कुमकुम, हल्दी, चावल के दाने पुष्प एवं मिठाई रखिये.
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काम करता हैं
राखी बांधने की विधि क्या हैं - What
is the method of tying Rakhi in Hindi
अपने भाई को एक स्वच्छ स्थान पर बैठाइये. सर्वप्रथम आप राखी की थाल
में रखे दीपक को प्रज्ज्वलित कीजिये.
अब
अपने भाई के मस्तक पर चन्दन का तिलक लगाइए. इसके बाद बहन अपने भाई की आरती उतारती
हैं.
फिर
बहन अपने हाथों में अक्षत लेकर भाई के ऊपर फेंकती हैं. इसके बाद बहन अपने भाई की
कलाई पर रक्षा सूत्र को बांधती हैं और भाई को मिठाई खिलाती हैं.
अब
यदि बहन उम्र में बड़ी होती हैं तो भाई अपनी बहन के चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लेता
हैं और यदि भाई उम्र में बड़ा हो तो बहन अपने भाई के चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लेती
हैं.
अब
इसके बाद भाई अपनी बहन को यथा क्षमता अनुसार एक उपहार देता हैं. इसके बाद राखी
बांधने की रस्म पूरी हो जाती हैं.
इस
पूरी प्रक्रिया के पूर्ण होने तक भाई बहन को व्रत (भूखा) रखना पड़ता
हैं.
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भारत के अन्य धर्मों में रक्षा बंधन पर्व कैसे मनाया जाता है - How Raksha Bandhan festival is celebrated in other religions of India in Hindi
यहाँ हम जानेंगे कि भारत के अन्य धर्मों में रक्षा बंधन पर्व 2023 कैसे मनाया जाता है.
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1 - हिंदू धर्म (सनातन धर्म) में रक्षा बंधन पर्व कैसे मनाया जाता है - How
Raksha Bandhan festival is celebrated in Hinduism / Sanatan Dharma in Hindi
रक्षा बंधन पर्व भारत में कैसे
मनाया जाता हैं आपको नीचे विस्तारपूर्वक पढने को मिलेगा.
रक्षा
बंधन का त्योहार हिंदू धर्म (सनातन धर्म) का एक प्रमुख त्योहार हैं. रक्षा बंधन पर्व भारत में मनाया
जाने वाला एक प्रमुख त्योहार हैं. रक्षा बंधन पर्व पूरे देश में
खासकर उत्तर एवं पश्चिम क्षेत्र में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं.
रक्षा बंधन का त्योहार सिर्फ भारत में ही नहीं नेपाल सहित ऐसे अन्य देश जहाँ हिन्दू धर्म के लोग निवास करते हैं वहां भी बहुत ही हर्षोल्लास
के साथ मनाया जाता हैं.
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2 - जैन धर्म में रक्षा बंधन कैसे मनाया जाता है - How Raksha Bandhan is celebrated in Jainism in Hindi
जैन
धर्म के अनुसार जैन पुजारी जैन भक्तों को एक पवित्र धागा देते हैं.
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3 - सिख धर्म में रक्षा बंधन कैसे मनाया जाता है - How Raksha Bandhan is celebrated in Sikhism in Hindi
सिख धर्म के अनुसार रक्षा बंधन को राखाडी अथवा राखरी के नाम से जाना जाता हैं. सिख धर्म में भी यह त्योहार भाई बहन मिलकर मनाते हैं.
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भारत के अन्य राज्यों में रक्षा बंधन कैसे मनाया जाता है - How Raksha Bandhan is celebrated in other states of India in Hindi
भारत एक विशाल देश
हैं. यह कई राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित हैं. सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की संस्कृति अलग अलग होने के कारण रक्षा बंधन पर्व कई तरीकों से मनाया जाता हैं.
यहाँ
हम भारत के अन्य राज्यों में रक्षा बंधन पर्व 2023 कैसे मनाया जाता हैं के बारे में विस्तारपूर्वक जानेंगे.
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1 - पश्चिमी भारत में रक्षा बंधन त्योहार कैसे मनाया जाता हैं - How Raksha Bandhan festival is celebrated in Western India in Hindi
पश्चिमी घाट में रक्षा बंधन त्योहार भगवान् वरुण को देय के रूप में मनाते हैं. भगवान् वरुण समुद्र के देवता हैं. रक्षा बंधन के दिन नारियल को समुद्र में डालकर कर भगवान् वरुण को अर्पित किया जाता हैं इसलिए राखी पूर्णिमा को नारियल पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता हैं.
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2 - दक्षिण भारत में रक्षा बंधन कैसे मनाया जाता हैं - How Raksha Bandhan is celebrated in South India in Hindi
दक्षिण भारत में रक्षा बंधन त्योहार को अवनी अबित्तम के नाम से जाना जाता हैं. अवनी अबित्तम का दिन ब्राह्मण वर्ग के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन होता हैं. इस दिन ब्राह्मण वर्ग के लोग स्नान आदि से निवृत्त होकर के वैदिक मंत्रोचारण के साथ अपने जनेऊ को बदल देते हैं. इस प्रसंग को श्रावणी अथवा ऋषि तर्पण कहते हैं.
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3 - उत्तर भारत में रक्षा बंधन कैसे मनाया जाता हैं - How
Raksha Bandhan is celebrated in North India in Hindi
उत्तर
भारत में रक्षा बंधन पर्व को कजरी पूर्णिमा के नाम से भी मनाया जाता हैं. कजरी पूर्णिमा के दिन किसान लोग अपने खेत में गेंहू, धान जैसी अन्य अनाज को छिड़ककर माता भगवती की विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं और माता भगवती से अच्छी फसल, सुख समृद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं.
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4 - गुजरात में रक्षा बंधन त्योहार कैसे मनाया जाता हैं - How
Raksha Bandhan festival is celebrated in Gujarat in Hindi
गुजरात
में श्रावण मास के महीने में हर सोमवार के दिन भगवान् शंकर जी का जलाभिषेक करते
हैं. श्रावण मास में रुई को पंच्कव्य में डालकर उसे शिवलिंग पर बाँध दिया जाता हैं. इस अनुष्ठान को पवित्रोपन्ना कहते हैं.
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रक्षा बंधन का महत्त्व क्या
हैं - Importance of Raksha Bandhan in Hindi
रक्षा बंधन के त्यौहार का महत्त्व (Raksha
Bandhan Importance) बहुत ही विशेष हैं. रक्षा बंधन
भाई बहन के रिश्ते का प्रतीक हैं. रक्षा बंधन भाई बहन के पवित्र, निर्मल रिश्ते को
प्रदर्शित करता हैं. रक्षा बंधन त्योहार आनंद एवं ख़ुशी प्रदान करने वाला त्योहार
हैं.
रक्षा
बंधन पर्व में बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र अथवा राखी बांधती हैं और वही
भाई अपनी बहन की रक्षा एवं अपने कर्तव्यों को निभाने का वचन देता हैं.
वही
कोई भी अन्य स्त्री पुरुष भी जो कि भाई बहन के रिश्तों की मर्यादायों को समझते हैं
रक्षा बंधन का त्योहार मना सकते हैं.
रक्षा
बंधन पर्व पर बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र अथवा राखी बांधकर ईश्वर से
प्रार्थना करती हैं कि उसका भाई जीवन भर हंसी ख़ुशी एवं स्वस्थ रहे और वही भाई अपनी
बहन की रक्षा, अपने कर्तव्यों को निभाने एवं हमेशा बहन का साथ देने का वचन देता हैं.
भाई
भी ईश्वर से प्रार्थना करता हैं कि उसकी बहन जीवनभर हंसी ख़ुशी, स्वस्थ रहे एवं
दीर्घायु हो.
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रक्षा
बंधन शायरी 2023 - Raksha Bandhan 2023 Shayari in Hindi
वर्तमान
समय में लोग टेक्नोलॉजी का प्रयोग ज्यादा करने लगे हैं. रक्षा बंधन त्यौहार पर भी
लोग अपने मित्रों, पारिवारिक सदस्यों एवं रिश्तेदारों को स्मार्टफोन द्वारा Rakhi Shayari 2023 एक
दूसरे को भेजकर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हैं.
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Raksha Bandhan Quotes in Hindi
वर्तमान
समय में लोग टेक्नोलॉजी का प्रयोग ज्यादा करने लगे हैं. रक्षा बंधन त्यौहार पर भी
लोग अपने मित्रों, पारिवारिक सदस्यों एवं रिश्तेदारों को स्मार्टफोन द्वारा Raksha Bandhan 2023 Quotes in Hindi एक दूसरे को
भेजकर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हैं.
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Raksha Bandhan Status in Hindi
रक्षा
बंधन त्यौहार पर लोग अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर Raksha Bandhan Status के
रूप में रक्षा बंधन बधाई सन्देश एवं रक्षा बंधन शुभकामना सन्देश
लिखकर मित्रों, पारिवारिक सदस्यों एवं रिश्तेदारों को अपनी भावनाएं व्यक्त करते
हैं.
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रक्षा बंधन फोटो - Raksha Bandhan Image
रक्षा
बंधन त्यौहार पर लोग अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर Raksha Bandhan Status के
रूप में रक्षा बंधन बधाई सन्देश एवं रक्षा बंधन शुभकामना सन्देश लिखी
हुई Raksha Bandhan 2023 PNG Image अथवा रक्षा
बंधन एचडी इमेज लगाकर मित्रों, पारिवारिक सदस्यों एवं रिश्तेदारों को अपनी
भावनाएं व्यक्त करते हैं.
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Raksha Bandhan FAQ - Raksha Bandhan Frequently Asked Questions
प्रश्न -
रक्षाबंधन कब से मनाया जाता है?
उत्तर
- रक्षा बंधन
त्यौहार पौराणिक काल से मनाया जा रहा हैं.
प्रश्न -
रक्षा बंधन की शुरुआत किसने की थी?
उत्तर - रक्षा बंधन
त्यौहार पौराणिक काल से मनाया जा रहा हैं,
इसलिए यह बताना कठिन हैं कि रक्षा बंधन किसने प्रारंभ किया था.
प्रश्न
- राखी
2023 में
कितनी तारीख को है?
उत्तर
- राखी बंधन 2023 में 30 व 31 अगस्त को
है.
प्रश्न
- राखी
क्यों बाँधी जाती है?
उत्तर
- रक्षा बंधन
पर्व पर बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र अथवा राखी बांधती हैं और ईश्वर से
प्रार्थना करती हैं कि उसका भाई जीवन भर हंसी ख़ुशी एवं स्वस्थ रहे और वही भाई अपनी
बहन की रक्षा, अपने कर्तव्यों को निभाने एवं हमेशा बहन का साथ देने का वचन देता
हैं. भाई भी ईश्वर से प्रार्थना करता हैं कि उसकी बहन जीवनभर हंसी ख़ुशी, स्वस्थ
रहे एवं दीर्घायु हो.
प्रश्न
- राखी
कौन से हाथ में बाँधी जाती है?
उत्तर
- राखी दाहिने
हाथ की कलाई पर बाँधी जाती हैं.
प्रश्न - रक्षाबंधन
का इतिहास कितने साल पुराना है?
उत्तर - रक्षा बंधन
से सम्बंधित पौराणिक काल की कथाएं हैं इसलिए यह बताना कठिन हैं कि रक्षा बंधन
त्यौहार का इतिहास कितने वर्ष पुराना हैं.
प्रश्न -
रक्षा बंधन कब से शुरू हुआ हैं?
उत्तर - रक्षा
बंधन का इतिहास पौराणिक काल से होने के कारण सही तिथि बता पाना मुश्किल हैं परन्तु
इतिहासकार रक्षा बंधन की शुरुआत मध्यकालीन युग में रानी कर्णावती एवं हुमायूँ की
कथा से प्राप्त जानकारी के आधार पर मानते हैं.
प्रश्न -
रक्षा बंधन के दिन भाई क्या संकल्प लेता हैं?
उत्तर - भाई अपनी बहन
की रक्षा, अपने कर्तव्यों को निभाने एवं हमेशा बहन का साथ देने का वचन देता हैं. भाई भी ईश्वर से प्रार्थना करता
हैं कि उसकी बहन जीवनभर हंसी ख़ुशी, स्वस्थ रहे एवं दीर्घायु हो.
प्रश्न -
रक्षा बंधन का आविष्कार किसने किया था?
उत्तर - रक्षा
बंधन का आविष्कार सम्राट अलेक्जेंडर की धर्मपत्नी ने सम्राट पुरु को रक्षा सूत्र
अथवा राखी भेजकर किया था.
प्रश्न -
वर्ष 2024 में
रक्षा बंधन कब हैं?
उत्तर - 19 अगस्त
दिन सोमवार
प्रश्न -
वर्ष 2025 में
रक्षा बंधन कब हैं?
उत्तर - 9 अगस्त
दिन शनिवार
प्रश्न -
वर्ष 2026 में
रक्षा बंधन कब हैं?
उत्तर - 28 अगस्त
दिन शुक्रवार
प्रश्न -
वर्ष 2027 में
रक्षा बंधन कब हैं?
उत्तर - 17 अगस्त
दिन मंगलवार
प्रश्न -
वर्ष 2028 में
रक्षा बंधन कब हैं?
उत्तर - 5 अगस्त
दिन शनिवार
प्रश्न -
वर्ष 2029 में
रक्षा बंधन कब हैं?
उत्तर - 23 अगस्त
दिन गुरूवार
प्रश्न -
वर्ष 2030 में
रक्षा बंधन कब हैं?
उत्तर - 13 अगस्त
दिन मंगलवार
प्रश्न -
रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त कब से कब तक हैं?
उत्तर - रक्षाबंधन
का शुभ मुहूर्त दिनांक 30 अगस्त की सायं 09:01 बजे से दिनांक 31 अगस्त की
प्रातः 07:05 बजे तक हैं.
प्रश्न -
रक्षा बंधन की शुरुआत कैसे हुई थी?
उत्तर - मान्यता
अनुसार भगवान् श्री कृष्ण ने पापी राजा शिशुपाल का वध किया था. इस युद्ध में भगवान् श्री कृष्ण के अंगूठे में चोट लग गई थी. यह देखकर द्रौपदी ने अपने वस्त्र से कपडे का टुकड़ा फाड़ कर भगवान् श्री कृष्ण के अंगूठे में बाँध दिया. द्रौपदी द्वारा किये गए इस कार्य से भगवान् श्री कृष्ण बहुत प्रसन्न हुए और द्रौपदी की रक्षा का वचन दिया.
प्रश्न - रक्षाबंधन
का दूसरा नाम क्या हैं?
उत्तर - रक्षाबंधन
का अन्य नाम राखी, सलूनो, श्रावणी हैं.
प्रश्न - रक्षाबंधन
2023 भद्रा
काल समय क्या हैं?
उत्तर - वर्ष
2023 में रक्षाबंधन
पर 30 अगस्त को प्रातः
10:58 बजे से सायं
09:01 बजे तक भद्रा काल
रहेगा.
प्रश्न - रक्षाबंधन
कब मनाएं 30 या 31
अगस्त?
उत्तर - वर्ष
2023 में रक्षाबंधन
किस दिन मनाएं, इसको लेकर असमंजस की स्थिति हैं. वैसे आप अपनी सुविधा एवं आस्था
अनुसार भद्राकाल को ध्यान में रखते हुए दोनों दिन 30 एवं 31 अगस्त को
रक्षाबंधन मना सकते हैं.
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Conclusion
मुझे
उम्मीद हैं कि आज के Article रक्षा
बंधन कब हैं और क्यों मनाया जाता हैं इन हिंदी पसंद आया
होगा.
आज
के Article में
आपने रक्षाबंधन कितने तारीख को है, रक्षाबंधन की शुरुआत किसने की थी, राखी का
त्यौहार कब से मनाया जाता है, रक्षा बंधन कब से शुरू हुआ, राखी कौन किसको बांध
सकता है, इस वर्ष रक्षाबंधन पर राखी बांधने का सही समय क्या है, रक्षाबंधन की
कहानी क्या हैं के बारें में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त की हैं.
यदि
आपको What is Raksha Bandhan in Hindi Full
Information के सम्बन्ध में कोई सुझाव देना हो
तो Comment कीजिये
एवं Article रक्षा
बंधन क्यों मनाया जाता हैं इन हिंदी को अधिक से अधिक लोगों को Share कीजिये.
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